सीखने के उद्देश्यों के वर्गीकरण में ब्लूम टेक्सानामी महत्वपूर्ण : डॉ. हिताशी लोमेश

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कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट द्वारा मानव संसाधन केंद्र के रिफ्रेशर कोर्स का दूसरा दिन

न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र, 8 सितंबर। यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट द्वारा  मानव संसाधन विकास केंद्र के सहयोग से  आयोजित  रिफ्रेशर कोर्स के दूसरे दिन के सुबह के सत्र  का आरंभ डॉ. हिताशी लोमश निदेशक सुषमा स्वराज इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन सर्विस एसएसआईएफएस विदेश मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा ब्लूम की वर्गिकी ब्लूम टेक्सानामी की व्याख्या से हुआ। बेंजामिन ब्लूम द्वारा दिए गए सिद्धांत ब्लूम की वर्गिकी ब्लूम टेक्सानामी शिक्षा के अन्तर्गत सीखने के उद्देश्यों् के वर्गीकरण एवं शिक्षण समुदाय के लिए सीखने के उद्देश्यों को तय करने के विभिन्न पहलुओं से सम्बन्धित है। डॉ. हिताशी लोमश ने सीखने के परिणामों और सीखने के उद्देश्यों के बीच अंतर को समझाने के लिए वीडियो, वेबसाइटों और पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के मिश्रण का उपयोग किया ।
दूसरे सत्र में जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर कृष्ण कुमार पांडे ने वर्णनात्मक विश्लेषण, भविष्य कहने वाला विश्लेषण और प्रिस्क्रिपटिव एनालिटिक्स के सैद्धांतिक पहलुओं को छुआ। एनालिटिक्स को परिभाषित करते हुएए प्रोफेसर पांडे ने करियर काउंसलिंग के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम का उदाहरण दिया उन्होंने प्रतिभागियों को फीस संरचना और प्लेसमेंट के अलावा संकाय, अनुसंधान के बारे में पूछताछ करने के लिए छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रेरित किया ।
दोपहर के सत्र में विशिष्ट अतिथि द्वारा विभिन्न अनुसंधान विधियों और तकनीकों से संबंधित संसाधनों को साझा करने के साथ चर्चा शुरू की गई। क्लस्टर विश्लेषण और कारक विश्लेषण डेटा में कमी की दो महत्वपूर्ण तकनीकें हैं। माईक्रोसॉफ्ट एक्सल सॉफ्टवेयर की मदद से उन तकनीकों पर  विस्तार से चर्चा की गई ।
इस मौके पर वक्ता प्रोफेसर तरुणा ढल, प्राचार्या इंस्टीट्यूट ऑफ टीचर्स ट्रेनिंग एंड रिसर्च कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की उपस्थिति में नई शिक्षा नीति पर अंतिम सत्र में एक समूह चर्चा आयोजित की गई जिसमें प्रतिभागियों ने बहुत उत्साह से भाग लिया। कोर्स की समन्वयक डॉ. सिम्मी वशिष्ठ एवं डॉ. उत्कर्ष मंगल ने सत्र में सहभागिता के लिए सभी का धन्यवाद किया।

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